व्रत त्यौहार
Bhairav Ashtmi: उज्जैन में भैरव अष्टमी महोत्सव, आताल-पाताल व कालभैरव की निकलेगी सवारी
उज्जैन में अगहन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान भैरव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मध्यरात्रि 12 बजे जन्म आरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। अगले दिन भैरव की सवारी निकाली जाएगी। इस दिन भैरव साधना से भक्तों को भय से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तीन दिवसीय महोत्सव में विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे, जिसमें महाअभिषेक, भजन, हवन, और कन्या भोज शामिल हैं।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Fri, 22 Nov 2024 08:41:55 PM (IST)
Updated Date: Sat, 23 Nov 2024 01:22:31 AM (IST)
HighLights
- उज्जैन में मनाया जाएगा भगवान भैरव का जन्मोत्सव
- मध्यरात्रि में जन्म आरती और महाप्रसादी का वितरण
- भैरव अष्टमी पर अष्ट महाभैरव यात्रा का आयोजन
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : अगहन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शनिवार को भगवान भैरव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कालभैरव, विक्रांत भैरव, आताल-पाताल भैरव मंदिर में मध्यरात्रि 12 बजे जन्म आरती होगी। पश्चात भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। जन्म के अगले दिन रविवार को कालभैरव व आताल-पाताल भैरव की सवारी निकाली जाएगी। जन्मोत्सव पर दर्शन के लिए भैरव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ेगा।
भैरव साधना शीघ्र फलदायी
ज्योतिर्विद पं. हरिहर पंड्या ने बताया कि भैरव भय को हरने वाले हैं। इनकी पूजन से भक्तों को अज्ञात भय से निवृत्ति मिलती है तथा वंश की वृद्धि होती है। अगहन कृष्ण अष्टमी पर की गई भैरव साधना शीघ्र फलदायी है। इस दिन भगवान को श्रीफल पर भेंट रखकर अर्पण करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
अष्ट महाभैरव की यात्रा
भैरव अष्टमी पर उज्जैन में स्थित अष्ट महाभैरव की यात्रा का विधान भी है। इस दिन भक्तों को अष्ट महाभैरव के दर्शन अवश्य करना चाहिए। इन मंदिरों में यह आयोजन आताल-पाताल भैरव : सिंहपुरी स्थित आताल-पाताल भैरव मंदिर में सुबह 10 बजे भगवान आताल-पाताल भैरव का महाअभिषेक होगा। पश्चात अन्नकूट का महाभोग लगाया जाएगा।
मध्य रात्रि को जन्मोत्सव, अगले दिन सवारी
मध्य रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव पर महाआरती कर भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। जन्म के अगले दिन रविवार को शाम छह बजे राजसी वैभव के साथ भगवान आताल-पाताल भैरव की सवारी निकलेगी। तीन दिवसीय महोत्सव का समापन सोमवार को शाम 7 बजे कन्या व बटुक भोज के साथ होगा।
विक्रांत भैरव : कालभैरव मंदिर के समीप ओखरेश्वर श्मशान में स्थित श्री विक्रांत भैरव मंदिर में भैरव अष्टमी पर भगवान विक्रांत भैरव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
ऐसा रहेगा कार्यक्रम
चंद्रमोहन डबराल ने बताया शनिवार सुबह नौ बजे प्रात:कालीन आरती होगी। सुबह 10 बजे रुद्राभिषेक व सुंदरकांड होगा। शाम सात बजे रामायण पाठ होगा। रात नौ बजे भैरवजी के भजन के बाद रात 11 बजे हवन अनुष्ठान होगा। रात 12 बजे जन्म आरती तथा रात्रि जागरण होगा। रविवार सुबह आठ बजे सुप्रभात आरती की जाएगी।