व्रत त्यौहार

आंवला नवमी पर आज उमड़ेगी श्रद्धा की भीड़, आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी का वास मिलेगा अक्षय पुण्य

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वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर पूजा करें। एक साथ हरि और की पूजा होगी स्वीकार क्योंकि विष्णु को तुलसी प्रिय हैं और शिव को बेलपत्र। इन दोनों के गुण आंवले में ही हैं। मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से भगवान विष्णु और शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर में धन, यश, और अच्छा स्वास्थ्य आता है।

By Dhirendra Kumar Sinha

Publish Date: Sun, 10 Nov 2024 09:08:18 AM (IST)

Updated Date: Sun, 10 Nov 2024 09:08:18 AM (IST)

आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बना प्रसाद रूप में खाने विशेष महत्व है

HighLights

  1. घर में धन, यश, और अच्छा स्वास्थ्य आता है आंवले के पूजन से।
  2. आंवला नवमी के दिन वृक्ष के नीचे भोजन करने से मिलता अक्षय पुण्य
  3. नारदजी ने लक्ष्मी जी को बताया बेल व तुलसी दोनों के गुण आंवले में हैं

नईदुनिया प्रतिनिधि,बिलासपुर। आंवला नवमी का पर्व 10 नवंबर रविवार को भक्तिभाव और श्रद्धा से मनाया जाएगा। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, और माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य का फल कभी समाप्त नहीं होता। बिलासपुर के प्रमुख पिकनिक स्थल कानन पेंडारी, बिलासा ताल, कंपनी गार्डन, खूंटा घाट, स्मृति वन, बोइर पडाव, औरा पानी, रामटेकरी, और तालागांव में आंवला नवमी पर भक्तों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। यहां परिवारजन सुबह से आंवले के वृक्ष की पूजा कर उसके नीचे बैठकर भोजन करेंगे।

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आंवले के वृक्ष की धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी का निवास माना गया है, और इस दिन इनके पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अक्षय नवमी के दिन महिलाएं सात्विक भोजन तैयार करती हैं। परंपरागत रूप से इस दिन सात प्रकार की सब्जियों को मिलाकर विशेष भोजन बनाया जाता है। आंवले के वृक्ष के नीचे पूजन के बाद महिलाएं परिवार और ब्राह्मणों को भोजन कराती हैं, जिससे उन्हें अक्षय पुण्य का लाभ मिलता है। महिलाएं इसे अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए करती हैं, और इस परंपरा को बड़े श्रद्धाभाव से निभाती हैं।

पूजा कर महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की परिक्रमा लगाई

धार्मिक महत्व और पुण्य लाभ

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आंवला नवमी के अवसर पर इस पुण्य को प्राप्त करने के लिए भक्तजन पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं और इसे भगवान विष्णु एवं शिव का आशीर्वाद पाने का माध्यम मानते हैं।

रतनपुर में होगा विशेष भोज

रतनपुर के सिद्ध शक्ति पीठ श्री महामाया मंदिर ट्रस्ट द्वारा आंवला नवमी के अवसर पर भव्य भोज का आयोजन श्री महालक्ष्मी (लखनी) देवी मंदिर प्रांगण में किया जाएगा। भोज का समय दोपहर 12:30 बजे से 4:30 बजे तक रहेगा। मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूजा प्रभारी सतीश शर्मा ने बताया कि इस पावन अवसर पर महालक्ष्मी देवी की पूजा-अर्चना के साथ आंवले के भोजन का आयोजन होगा।

देवरीखुर्द में निश्शुल्क स्वास्थ्य जांच

अक्षय नवमी पर बिलासपुर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, देवरीखुर्द स्थित श्री रामेश्वर शिव मंदिर परिसर में आंवला नवमी के अवसर पर धात्री पूजन, हवन और भोग वितरण का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम सुबह 8:30 से 11 बजे तक चलेगा। इसके बाद पीसीओडी आयुर्वेदा केयर फाउंडेशन, लिंगियाडीह द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा शिविर दोपहर 11 बजे से 2 बजे तक आयोजित किया जाएगा। जिसमें स्त्री रोग, दमा, सर्दी-खांसी, बीपी, शुगर, थायराइड सहित अन्य बीमारियों की जांच व उपचार किया जाएगा।

तेलुगू समाज वनभोज महोत्सव

तेलुगू संयुक्त समाजम कल्याण समिति द्वारा आंवला नवमी के अवसर पर आनंदमय वनभोज महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह पर्व श्री दर्शन मुनि उदासीन आश्रम, छठ घाट के पास अरपा नदी के किनारे बिलासपुर में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मनाया जाएगा। पहले सामूहिक लालिता शहस्त्रम का पाठ किया जाएगा, फिर खेलकूद प्रतियोगिता और अंत में सात्विक महाप्रसाद वितरित किया जाएगा।



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