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Syria Civil War: विद्रोहियों का कई शहरों पर कब्जा, देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति? 10 प्वाइंट्स में जानें हालात
सीरिया में छिड़े गृह युद्ध के बीच विद्रोहियों ने कई बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है। सीरिया के विपक्षी कार्यकर्ताओं और एक विद्रोही कमांडर ने शनिवार को यह दावा किया है। वहीं, दूसरी ओर ये जानकारी भी सामने आई कि राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं। सीरिया के सरकारी मीडिया ने सोशल मीडिया पर फैली उन अफवाहों का खंडन किया है कि राष्ट्रपति बसर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि वह राजधानी दमिश्क में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार है जब देश में विद्रोही 2018 के बाद सीरिया की राजधानी के बाहरी इलाके में पहुंच गए हैं।
सरकार विरोधी ताकतों और राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के बीच लड़ाई अब तेज़ होती जा रही है। रविवार तड़के, विद्रोहियों ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति अल-असद के 24 साल लंबे शासन पर एक बड़ा हमला करते हुए प्रमुख शहर होम्स पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है। इतना ही नहीं, अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विद्रोहियों ने हवा में गोलियां चलाईं और सीरियाई राष्ट्रपति के पोस्टर उतार दिए।
10 प्वाइंट्स में जानें अबतक के हालात
- विद्रोहियों का हमला शनिवार को सीरियाई सेना द्वारा दक्षिणी सीरिया के ज्यादातर हिस्सों से वापस चले जाने के बाद हुआ है, जिसके कारण दो प्रांतीय राजधानियों समेत देश के अधिकांश क्षेत्र विपक्षी लड़ाकों के नियंत्रण में आ गए हैं।
- ब्रिटेन के ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के प्रमुख रामी अब्दुर्रहमान ने कहा कि विद्रोही अब दमिश्क के उपनगरों मादामिया, जरामाना और दरया में सक्रिय हो गए हैं और आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को विपक्षी लड़ाके भी पूर्वी सीरिया से दमिश्क के उपनगर हरास्ता की ओर बढ़ रहे थे।
- अब्दुर्रहमान ने कहा कि विद्रोहियों के एक कमांडर हसन अब्दुल-गनी ने ‘टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप’ पर पोस्ट किया कि विपक्षी बलों ने दमिश्क को घेरकर अपने अभियान के ‘‘अंतिम चरण’’ को अंजाम देना शुरू कर दिया है। विद्रोही दक्षिणी सीरिया से दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं।
- इस बीच सीरियाई सेना शनिवार को दक्षिणी सीरिया के ज्यादातर भाग से हट गई, जिससे दो प्रांतीय राजधानियों समेत देश के अधिक क्षेत्र विपक्षी लड़ाकों के नियंत्रण में आ गए। सेना और विपक्षी युद्ध निगरानीकर्ता ने यह जानकारी दी।
- दारारा और स्वेदा प्रांतों से सैनिकों की वापसी ऐसे समय में हुई है जब सीरिया की सेना ने सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं, क्योंकि विद्रोही इसके बाहरी इलाकों में पहुंच गए हैं। ब्रिटेन स्थित ऑब्जर्वेटरी ने कहा कि सीरियाई सैनिक दोनों दक्षिणी प्रांतों से हट गए हैं तथा होम्स में अतिरिक्त सैनिक भेज रहे हैं, जहां लड़ाई की आशंका है।
- सीरियाई सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने अपनी चौकियों पर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने के बाद स्वेदा और दारारा में सैनिकों की पुनः तैनाती की है। विद्रोहियों ने सीरिया के चौथे सबसे बड़े शहर हमा पर कब्जा कर लिया था। सेना ने कहा था कि वह शहर के अंदर लड़ाई से बचने और नागरिकों की जान बचाने के लिए वहां से हट गयी है।
- सीरिया के विद्रोही गुट जिहादी हयात तहरीर अल-शाम समूह (एचटीएस) के नेतृत्व में विद्रोहियों ने होम्स और राजधानी दमिश्क तक मार्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। एचटीएस प्रमुख अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने बृहस्पतिवार को सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि इस हमले का उद्देश्य असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है।
- सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने सीरिया में ‘‘व्यवस्थित ढंग से राजनीतिक बदलाव’’ सुनिश्चित करने के लिए जिनेवा में तत्काल वार्ता का आह्वान किया है। कतर में वार्षिक दोहा फोरम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड में होने वाली वार्ता में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के कार्यान्वयन पर चर्चा की जाएगी, जिसमें सीरिया के नेतृत्व में राजनीतिक प्रक्रिया का आह्वान किया गया है।
- वर्ष 2015 में पारित प्रस्ताव संख्या 2254 में एक शासकीय निकाय की स्थापना करना, उसके बाद एक नए संविधान का प्रारूप तैयार करने तथा संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में चुनाव कराने का आह्वान किया गया था। कतर के शीर्ष राजनयिक शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने देश की समस्याओं को हल करने के लिए हाल के वर्षों में संघर्ष की घटनाओं में आई कमी का लाभ उठाने में विफल रहने के लिए असद की आलोचना की।
- शेख मोहम्मद ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि विद्रोही कितनी तेजी से आगे बढ़े हैं और कहा कि वे सीरिया की ‘‘क्षेत्रीय अखंडता’’ के लिए वास्तविक खतरा है। उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की कोई तत्परता नहीं दिखाई गई तो संघर्ष से काफी नुकसान हो सकता है।
(इनपुट-पीटीआई)