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ठंड के मौसम में आई फ्लू से कैसे बचें expert tips to avoid eye flu in winter
सर्दियों में कई बार आई फ्लू (Eye Flu in winter ) मामूली दवाइयों से कुछ दिन में राहत दे देता है लेकिन कई बार ये गंभीर हो कर आँखों का नुकसान भी कर सकता है। क्यों होता है ये और क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
जैसे जैसे तापमान गिरता है, फ्लू से पीड़ित लोगों की संख्या उठने लगती हैं। गला खराब, छींक और खांसी से जूझ रहे लोग जगह जगह मिल जाते हैं। फ्लू को हम आम समझते हैं जबकि वो है नहीं। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में हर साल फ्लू के कारण हर साल 7 लाख से ज्यादा लोग हॉस्पिटलाइज होते हैं और 50,000 से ज्यादा मौतें होती हैं।सर्दियां आते ही केवल खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां ही आम नहीं होती हैं बल्कि आंखों के संक्रमण यानी हम जिसे आई फ्लू भी कहते हैं वह भी बढ़ने लगता है। कई बार ये मामूली दवाइयों के कुछ दिन में राहत दे देता है लेकिन कई बार ये गंभीर हो कर आँखों का नुकसान भी कर सकता है। क्यों होता है ये और क्या हैं इससे बचाव के उपाय। डॉक्टर की मदद से समझेंगे।
क्या है आई फ्लू? (Eye Flu)
आई फ्लू, जिसे कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है वैसे एक सामान्य लेकिन बहुत इन्फेक्शनल आंखों की बीमारी है। आमतौर पर ये वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण (Infection) के कारण होता है।
आई फ्लू के कारण आंखों में जलन, लालिमा, खुजली और आँखों से पानी निकलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कारण भी जान लीजिए
आई सर्जन डॉक्टर दीपेश मौर्या के अनुसार, आई फ्लू के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे सामान्य वायरस और बैक्टीरिया शामिल हैं। वायरल कंजक्टिवाइटिस आमतौर पर समान्य सर्दी-जुकाम जैसे वायरस के कारण होता है लेकिन बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है। कुछ मामलों में, एलर्जी भी आई फ्लू का कारण बन सकती है लेकिन यह बहुत सामान्य सी बात है।
सर्दियों में क्यों होता है आई फ्लू?
लोग अक्सर आइफ़्लू को गर्मी,धूल धूप की देन समझ लेते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। सर्दियों में आई फ्लू होना बिल्कुल संभव है, खासकर तब जब अगर कोई व्यक्ति वायरस, बैक्टीरिया, या एलर्जी के संपर्क में आ जाए, जैसा कि हमने ऊपर बताया। तो कुल मिला कर बात ये है कि ये मौसमी प्रभाव से तो होता ही है लेकिन इसका कनेक्शन संक्रमण से भी उतना ही है।
आई फ्लू के लक्षण (Symptoms of Eye Flue In Winter)
सर्दियों में आई फ्लू (eye flu in winter) के लक्षणों में कई भिन्नताएं हो सकती हैं, लेकिन सामान्यतः ये लक्षण देखे जाते हैं:
1. आंखों में लालिमा (Red Eye) – यह सबसे आम लक्षण है। आंखें लाल और सूजी हुई लगने लगती हैं।
2. आंखों से पानी: आँखों से पानी निकल सकता है जो चिपचिपा और गाढ़ा होता है।
3. आंखों में जलन और खुजली: आई फ्लू में आंखों में जलन, खुजली महसूस होने लगती है।
4. धुंधली नजर (blurry vision) – कभी-कभी आंखों में सूजन के कारण आपकी नजर धुंधली हो सकती है और आप अपने आसपास की चीजें कम देख पाएंगे
5. आंखों का सूजना (Swelling in Eyes) कंजक्टिवाइटिस के कारण आंखों की पलकें सूज सकती हैं।
6. दर्द (Eye Pain) – आमतौर पर तो आई फ्लू में दर्द नहीं होता या हल्का होता है लेकिन अगर दर्द बढ़ता जा रहा है तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है कि इसका मतलब है कि संक्रमण का स्तर गंभीर है।
आई फ्लू से कैसे बचें?(How to prevent from eye flu in winter)
सर्दियों में आई फ्लू (eye flu in winter) के संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टर कई सावधानियाँ और उपाय सुझाते हैं। इन बातों का ध्यान रख कर आप आई फ्लू से बच सकते हैं और इस बीमारी को फैलने से भी रोक सकते हैं:
1. हाथों को रखें साफ- ये आदत बहुत आम है लोग अक्सर अक्सर हाथों से अपनी आँखें छूते रहते हैं। लेकिन हमें ध्यान ये रखना है कि जब भी हम कोई और चीज छू रहे हों, उसके तुरंत बाद आँखों पर हाथ ना लगाएं। हमको अपनी आँखें हाथ धुल कर ही छूनी है। ये आई फ्लू के वायरस और बैक्टीरिया से बचने का सबसे सरल तरीका है।
2. कपड़े अलग रखिए – तौलिये, तकिये और किसी भी और पर्सनल चीजों को शेयर मत करिए। आई फ्लू से इंफेक्टेड व्यक्ति के साथ इन चीजों को शेयर करना वायरस के फैलाव का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
3. सार्वजनिक जगहों पर सावधानी बरतें – आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा कर के आप अपना इनफेक्शन दुनिया में बाँट रहे हैं।
4. अपनाएं प्राकृतिक तरीका – आंखों को ठंडे पानी से धोने से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, आप सूती कपड़े से आंखों पर ठंडी पट्टी भी रख सकते हैं जिससे सूजन कम होगी।
5. आंखों को साफ रखें – किसी भी तरह की गंदगी को आंखों में न जाने दें। आँखों को साफ करने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करिए।
आई फ्लू का इलाज (Treatment of Eye Flue In Winter)
डॉक्टर दीपेश के अनुसार, सर्दियों में आई फ्लू (Eye Flue In Winter) का इलाज स्थिति पर निर्भर करता है। यदि ये वायरल कंजक्टिवाइटिस है इलाज में समय लग सकता है क्योंकि वायरस के लक्षणों को दूर करने के लिए कोई विशेष दवाइयां नहीं होतीं। इलाज में आराम, गर्म पानी से आंखों की सफाई और आंखों को ठंडा रखना शामिल होता है। यदि संक्रमण बैक्टीरियल है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स या मलहम लगाने की सलाह दे सकता है।
कब लेनी चाहिए डॉक्टर से सलाह?
डॉक्टर दीपेश ने बताया कि आंखों में लाली, जलन जैसे लक्षणों के साथ अगर बुखार, थकावट या सिर दर्द जैसे सामान्य लक्षण भी होते हैं तो यह संक्रमण गंभीर हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।