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पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमान को कुल्हाड़ी से काट डाला, नहीं रुक रहा समुदाय पर अत्याचार

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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL
तैय्यब अहमद की अज्ञात शख्स ने कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी।

लाहौर: पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर अत्याचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यापारी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई। पुलिस के द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, तैय्यब अहमद नाम के इस शख्स की हत्या कथित तौर पर उसकी आस्था के कारण हुई। पुलिस ने बताया कि 40 साल के तैय्यब अहमद लाहौर से लगभग 275 किलोमीटर दूर रावलपिंडी शहर में अपने भाई की दुकान पर मौजूद थे, जब एक अज्ञात शख्स ने उन पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।

जगह खाली करने की दी गई थी चेतावनी

पुलिस ने बताया कि शख्स द्वारा किए गए हमले में तैय्यब अहमद गंभीर रूप से घायल हो गए। उसने बताया कि अहमद को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शुरुआती जांच में कहा कि ऐसा लगता है कि अहमद की हत्या उसकी आस्था के कारण की गई है। अहमद के भाई ताहिर कमर के मुताबिक, कुछ दिन पहले कट्टरपंथी मुसलमानों के एक गुट ने उनकी दुकान पर पत्थर फेंककर हमला किया था। हमला करने वालों ने तैय्यब अहमद और ताहिर कमर को अहमदिया होने के कारण यह जगह खाली करने की चेतावनी दी थी।

तोड़ दी गई थी अहमदिया मस्जिद की मीनारें

बता दें कि पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर अत्याचार की खबरें आती रहती हैं। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक चरमपंथियों के दबाव में अहमदिया समुदाय की 70 साल पुरानी 2 इबादतगाहों की मीनारों को ध्वस्त कर दिया था। तोड़फोड़ की यह कार्रवाई खानेवाल और गुजरांवाला में हुई थी। दोनों इबादतगाहें 1950 के दशक की शुरुआत में बनाई गई थी।

पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम घोषित हैं अहमदिया

पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान में पुलिस ने 6 अहमदियों को कथित तौर पर खुद को मुसलमान बताने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने इस सभी की गिरफ्तारी का विरोध किया था। उसने कहा था कि कट्टरपंथी तहरीक लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ता लोगों को निर्दोष अहमदियों के खिलाफ भड़काने और उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने में सबसे आगे थे। बता दें कि पाकिस्तान में 1974 में हुए एक संविधान संशोधन के अनुसार, अहमदियों को गैर-मुस्लिम घोषित किया गया था।

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