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World Year Ender 2024: तीसरे विश्वयुद्ध के खतरे से बार-बार सशंकित होती रही दुनिया, जंग ने बदला स्वरूप
Year Ender 2024: साल 2024 दुनिया के लिए बहुत उथल-पुथल वाली रही। पहले से ही चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध और अक्तूबर 2023 से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के चलते कई बार ऐसी परिस्थितियों पैदा हुईं, जिससे दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा। इतना ही नहीं द्वितीय विश्व युद्ध से भी घातक परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकियों ने पूरी दुनिया को कई बार हिला कर रख दिया। वहीं इजरायल-हमास के बीच एक साल पहले शुरू हुई जंग पूरे मिडिल ईस्ट तक फैल गई। आइये आपको बताते हैं 2024 में दुनिया की ऐसी तमाम महत्वपूर्ण घटनाएं, जिसने दुनिया को कई बार दहशत में डाल दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध
फरवरी 2022 से शुरू हुआ रूस-यूक्रेन यूक्रेन युद्ध 2024 में और भी ज्यादा घातक हो गया। इस साल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले यूक्रेन को रूस के अंदरूनी हिस्सों पर अमेरिका हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देकर एक तरीके से तीसरे विश्व युद्ध की जमीन तैयार करने का काम किया। रूस ने दुनिया की सबसे खतरनाक माने जाने वाली हाईपरसोनिक आईसीबीएम मिसाइल यूक्रेन पर दागकर अपने इरादे को जता दिया कि वह जरूरत पड़ने पर परमाणु हमला करने से नहीं चूकेगा। रूस ने कई बार यूक्रेन की मदद करने वाले नाटो, अमेरिका और ब्रिटेन पर भी हमले की धमकी दी। इससे तीसरे विश्व युद्ध के खतरे की आहट लगातार महसूस होती रही। इस बीच रूस ने अपनी परमाणु नीति में संशोधन करके और परमाणु हथियारों की युद्ध क्षेत्र में तैनाती करके दुनिया की धड़कनें कई बार बढ़ा दी।
इजरायल-हमास युद्ध
7 अक्तूबर 2023 से शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध की आग ने धीरे-धीरे लेबनान से लेकर, यमन,ईरान और सीरिया तक को अपने चपेट में ले लिया। गाजा में इजरायल के ताबड़तोड़ मिसाइल हमलों के खिलाफ यमन के हूतियों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इससे इजरायल को हमास के साथ हूतियों से भी संघर्ष करना पड़ा। वाणिज्यिक जहाजों पर हूतियों को हमले रोकने और उन्हें सबक सिखाने के लिए कई बार अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर यमन पर बड़ी एयर स्ट्राइक की और हूतियों के अहम ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इजरायल ने भी कई बार हूतियों पर करारा जवाबी हमला किया। साल 2024 में इजरायल ने हमास चीफ इस्माइल हानिया उर्फ इस्माइल हनियेह व याह्या सिनवार की हत्या करके हमास आतंकियों का हौसला तोड़ दिया। इससे हिजबुल्लाह और ईरान भी इजरायल से सीधे मोर्चा ले बैठे। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायली हमले में अब तक 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध
गाजा में इजरायल के हमलों और हमास नेताओं की इजरायली सेना द्वारा हत्या किए जाने से लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने भी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से पंगा ले लिया और तेल-अवीव पर रॉकेट हमले करना शुरू कर दिया। जवाब में इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भीषण हवाई हमला शुरू किया। एक हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया। इसके बाद नये चीफ सफीद्दीन को भी इजरायली सेना ने मार गिराया। बाद में गाजा के तर्ज पर इजरायली सेना ने लेबनान में भी जमीनी अभियान शुरू कर दिया। इजरायल ने पेजर और बैटरी ब्लास्ट करके हिजबुल्लाह के हजारों लड़ाकों को मार डाला। यह इजरायली तकनीकी का युद्ध में नया प्रयोग था। लेबनान पर इजरायल के हवाई और जमीनी हमलों से हिजबुल्ला ने आखिरकार दम तोड़ दिया। इस जंग में 8 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। अब इजरायल और हिजबुल्लाह में संघर्ष विराम हो गया।
इजरायल-ईरान युद्ध
इजरायल-हिजबुल्लाह में संघर्ष विराम होने से पहले हमास चीफ इस्माइल हानिया, याह्या सिनेवार और हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह व हाशिम सफीद्दीन की हत्या से ईरान बौखला गया। अक्तूबर के महीने में ईरान ने अचानक इजरायल पर 180 मिसाइलों से हमला कर दिया। इससे पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। तेहरान के इस हमले के बाद इजरायल-ईरान में सीधी जंग के खतरे ने पूरे मिडिल ईस्ट को युद्ध की आग में झोंक दिया। इधर पहले से यूरोप में चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध और फिर मिडिल-ईस्ट में भड़की इस भीषण जंग ने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा दिया। बाद में इजरायल ने ईरान पर जवाबी एयरस्ट्राइक करके उसके गुप्त परमाणु ठिकानों समेत कई सैन्य अड्डों को ध्वस्त कर दिया।
सूडान और बांग्लादेश में तख्तापलट
2024 सूडान और बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के लिए भी याद किया जाएगा। अप्रैल 2023 से ही सूडान भयानक गृहयुद्ध की चपेट में है। यहां जुंटा आर्मी ने तख्तापलट कर दिया। इसके बाद सूडान के अर्धसैनिक बल और सेना सीधे आमने-सामने हैं और वर्षों से दोनों के बीच भीषण जंग चल रही है। इस युद्ध में अब तक हजारों जवान और लोग मारे जा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सूडान में 27 हजार से अधिक लोगों की इस गृहयुद्ध में मौत हो चुकी है। वहीं बांग्लादेश में अगस्त में छात्रों के आंदोलन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया। इसके बाद उन्हें भारत में शरण लेना पड़ा। बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया बने। तब से हिंदुओं पर हमला, आगजनी और जुर्म तेज हो गया। बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदू लड़कियों और महिलाओं का बलात्कार व लोगों की हत्या कर दी गई। यह अभी भी जारी है।
सीरिया में संग्राम
बांग्लादेश के बाद सीरिया में भी सशस्त्र विद्रोहियों ने सत्ता के खिलाफ संघर्ष छेड़ दिया। पिछले दिनों विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क समेत कई ठिकानों पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। राष्ट्रपति असद को आखिरकार रूस ने अपने देश में शरण दी। इसके बाद इजरायल ने सीरिया में कई आतंकी ठिकानों पर बड़ा हमला किया और इसके बफर जोन पर कब्जा कर लिया।
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भारत और कुवैत अब रणनीतिक साझेदार, पीएम मोदी और कुवैत के अमीर के बीच वार्ता
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की दो दिवसीय यात्रा समाप्त कर के वापस भारत वापस आ चुके हैं। पीएम मोदी की ये यात्रा कई मायनों में अहम मानी जा रही है। पीएम मोदी ने रविवार को कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ व्यापक वार्ता की है। इसके साथ ही भारत और कुवैत ने अपने रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी के रूप में विस्तारित कर लिया है। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच किन मुद्दों पर समझौता हुआ है।
अमीर के साथ शानदार बैठक- पीएम मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के अमीर ने वार्ता में सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि, फिनटेक, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर के जानकारी दी है कि कुवैत के अमीर के साथ उनकी वार्ता काफी अच्छी रही है। पीएम मोदी ने कहा- “कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा के साथ शानदार बैठक हुई।”
43 साल बाद किसी भारतीय पीएम की यात्रा
पीएम मोदी 43 वर्षों में पहले ऐसे भारतीय पीएम हैं जिन्होंने कुवैत की यात्रा की है। इससे पहले साल 1981 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी। अपनी कुवैत यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने कहा- “हमारे देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के अनुरूप हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है तथा मैं आशावादी हूं कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी अधिक विकसित होगी।’’
भारत और कुवैत के बीच व्यापार
खाड़ी देश कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है। बता दें कि कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत का कुवैत को निर्यात भी पहली बार दो अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। (इनपुट: भाषा)
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श्मशान में हिंदू पुजारी की हत्या पर बांग्लादेश ने दी सफाई, कहा-सांप्रदायिक हिंसा से नहीं हुई मौत
ढाका: बांग्लादेश के श्मशान घाट में हिंदू पुजारी की हत्या को लेकर अंतरिम सरकार की ओर से सफाई पेश की गई है। मोहम्मद यूनुस सरकार का कहना है कि पुजारी की मौत सांप्रदायिक हिंसा में नहीं हुई है।बांग्लादेश सरकार की मीडिया शाखा ने रविवार को कहा कि देश में हाल ही में मारा गया व्यक्ति हिंदू पुजारी नहीं था और उसकी मौत सांप्रदायिक हिंसा से नहीं बल्कि श्मशान घाट में चोरी से जुड़ी थी।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति की कथित हत्या के संबंध में इस्कॉन कोलकाता द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए, ‘चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स’ के आधिकारिक फेसबुक पेज ने इस्कॉन बांग्लादेश के अधिकारियों और नाटोर पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि यह हत्या संभवतः डकैती के प्रयास के कारण हुई। यह स्पष्टीकरण इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करने के एक दिन बाद आया। इसमें दावा किया गया था कि बांग्लादेश के नाटोर में एक श्मशान घाट पर स्थित मंदिर में “तरुण कुमार दास नामक एक हिंदू पुजारी की चरमपंथियों द्वारा हत्या कर दी गई”। ‘
कथित तौर पर पीड़ित का हाथ-पैर बांध कर शव को दफनाते देखा गया था
कथित तौर पर पीड़ित के हाथ-पैर बंधे हुए शव को एक वीडियो में दिखाया गया था। दास ने आरोप लगाया कि पुजारी को मारने से पहले उसे प्रताड़ित किया गया और मंदिर में लूटपाट की गई। नाटोर सदर पुलिस थाने के प्रभारी मोहम्मद महबूबोर रहमान के हवाले से सीए प्रेस विंग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “शनिवार और रविवार की सुबह के बीच मिली जानकारी के आधार पर प्रारंभिक तौर पर यह माना जाता है कि कुछ नशेड़ियों ने श्मशान घाट से चोरी करने का प्रयास किया था। सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है।” (भाषा)
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गाजा में इजरायल के भीषण हवाई हमले में 16 लोगों की मौत, सर्दी भी ढा रही कहर
दीर अल-बला (गाजा पट्टी): गाजा पट्टी में इजरायल के भीषण हवाई हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं। फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हमास सरकार से संबद्ध ‘सिविल डिफेंस’ के अनुसार, गाजा शहर में विस्थापितों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं। इजरायली सेना ने कहा कि उसने वहां शरण लिए हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया। ‘
अल-अक्सा शहीद’ अस्पताल के अनुसार, शनिवार देर रात दीर अल-बला में एक घर पर हुए हमले में कम से कम 8 लोग मारे गए। अस्पताल के पास स्थित नासिर अस्पताल के अनुसार, रविवार को आधी रात के बाद दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए हमले में 2 और लोग मारे गए। इन हमलों पर सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
गाजा में सर्दी का कहर
इजरायली मिसाइलों के अलावा सर्दी भी फिलिस्तीनियों पर कहर ढाने लगी है। गाजा में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। इजरायल से 14 महीने से जारी युद्ध के कारण विस्थापित हुए लगभग 20 लाख लोगों में से कई लोग खुद को हवा, ठंड और बारिश से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सहायता कर्मियों और निवासियों के अनुसार लोगों के पास कंबलों और गर्म कपड़ों की कमी है, अलाव के लिए लकड़ी बहुत कम है और जिन तंबुओं व तिरपालों में परिवार रह रहे हैं, वे महीनों से जारी उपयोग के कारण बहुत ही खस्ताहाल हो गए हैं। दक्षिणी शहर रफह से विस्थापित हुईं शादिया अयादा के पास अपने आठ बच्चों को खस्ताहाल तंबू के अंदर ठंड से बचाने के लिए केवल एक कंबल और एक गर्म पानी की बोतल है।
तेज हवा में लगता है डर
शादिया ने कहा, “जब भी हमें पता चलता है कि बारिश और तेज हवा का पूर्वानुमान है, तो हम डर जाते हैं क्योंकि हमारे तंबू हवा से उड़ जाते हैं।” रात के समय तापमान आम तौर पर पांच से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, इसलिए अयादा को डर है कि उनके बच्चे गर्म कपड़ों के बिना बीमार पड़ जाएंगे। अयादा ने कहा कि जब वे अपना घर छोड़कर आए थे, तो उनके बच्चों के पास केवल गर्मियों के कपड़े थे। उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्तेदारों और दोस्तों से कुछ गर्म कपड़े उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उत्तरी गाजा से अपने परिवार के साथ विस्थापित हुईं 50 वर्षीय रिदा अबू जरादा ने बताया कि लोग तंबू के अंदर बच्चों को गोद में लेकर सोते हैं। ताकि उन्हें गर्म रखा जा सके।
उन्होंने कहा, “दरवाजे न होने और तंबू फटे होने के कारण रात में चूहे हमारे ऊपर चलते हैं। कंबल हमें गर्म नहीं रख पाते। हमें ऐसा लगता है कि जमीन पर बर्फ पड़ी हो। हम सुबह ठंड से ठिठुरते हुए उठते हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे डर है कि एक दिन मैं जागूंगी और पाऊंगी कि कोई बच्चा ठंड से मर गया है।” संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोग शायद सर्दियों में जीवित न रह पाएं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा था कि कम से कम 9,45,000 लोगों को सर्दी से जुड़े सामान की आवश्यकता है, जो गाजा में बहुत महंगे हो गए हैं। (एपी)