व्रत त्यौहार
Surya Rashi Parivartan 2024: सूर्य का धनु राशि में प्रवेश 15 दिसंबर को, मेष सहित इन राशि वालों को मिलेगा सबसे ज्यादा शुभ फल
यह राशि परिवर्तन किसी के लिए लाभदायक तो किसी के लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। वहीं, खरमास के दौरान मंदिरों में विभिन्न आयोजन होंगे। नाम जप परिक्रमा, शृंगार आरती, स्रोत पाठ और गोष्ठी प्रसाद का वितरण होगा। धनुर्मास के 27वें दिन गोदा-रंगनाथ विवाह उत्सव होगा।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 03 Dec 2024 02:44:27 PM (IST)
Updated Date: Tue, 03 Dec 2024 02:44:27 PM (IST)
HighLights
- मांगलिक कार्य पर लगेगा विराम
- भगवान विष्णु को प्रिय है धनुर्मास
- विष्णु की आराधना में जुटेंगे भक्त
धर्म डेस्क इंदौर। ग्रहों के राजा सूर्य का वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश 15 दिसंबर को रात 9.56 बजे होगा। इसके साथ ही भगवान विष्णु के प्रिय धनुर्मास (खरमास) की शुरुआत होगी। इस दौरान सूर्य के कमजोर पड़ने से विवाह, मुंडन सहित सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा।
ज्योतिर्विद शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार, सूर्यदेव एक माह तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद 14 जनवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
धनुर्मास लगने से पहले इस वर्ष 2025 के अंतिम पांच विवाह मुहूर्त 4, 5, 9, 10 व 14 दिसंबर को रहेंगे। इस माह में आने वाली दो एकादशी पर विष्णु आराधना का विशेष महत्व है।
राशि परिवर्तन का राशियों पर प्रभाव
- मेष : सूर्य गोचर से सबसे ज्यादा शुभ फल मिलेगा। इससे पिछले कुछ समय से चल रही परेशानियों से राहत मिल जाएगी।
- वृषभ : इस राशि के जातकों को सूर्य के धनु राशि में रहने के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस दौरान विचार-विमर्श कर नई योजना बनाएं।
- मिथुन : नौकरी-व्यवसाय करने वालों के लिए यह अच्छा समय है। इस दौरान पारिवारिक जीवन भी अच्छा रहने के योग बन रहे हैं।
- कर्क : इस दौरान शत्रुओं पर विजय मिलेगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। धर्म कार्य में हिस्सा लेंगे।
- सिंह : इस राशि वालों के लिए सूर्य गोचर सामान्य रहेगा। वैवाहिक जीवन और संतान की स्थिति अच्छी रहेगी। गुस्से में वृद्धि हो सकती है।
- कन्या : इस दौरान पारिवारिक जीवन में तनाव आ सकता है। तनाव की स्थिति में क्रोध पर नियंत्रण रखकर इसके निराकरण के उपाय पर विचार करना हितकर रहेगा।
- तुला : इस राशि वालों के पराक्रम में वृद्धि होगी। साहसिक कदम से व्यापारिक क्षेत्र में लाभ की स्थिति निर्मित हो सकती है।
- वृश्चिक : सूर्य के राशि परिवर्तन से वाणी में कठोरता रहेगी। सरकारी तंत्र से लाभ मिलेगा। नौकरी-व्यवसाय में सफलता मिलेगी।
- धनु : सूर्य धनु राशि में प्रवेश होने से भाग्योदय होगा। आपके अटके काम बनेंगे और आय में वृद्धि होगी। सरकारी तंत्र से लाभ होगा।
- मकर : राजनीतिक विवाद में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस समय विवादों से दूर रहना लाभप्रद रहेगा।
- कुंभ : इस राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर लाभकारी रहेगा। नौकरी में पदोन्नति मिल सकती है।
- मीन : इस राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर लाभदायक रहेगा। राजनीतिक और व्यापारिक लाभ के योग बनेंगे।
व्रत त्यौहार
Makar Sankranti 2025: सूर्य के उत्तरायण का पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को, सुबह 7 बजकर 59 मिनट पर मकर राशि में होगा प्रवेश
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, सूर्य की मकर संक्रांति को शुभ माना जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण की ओर गमन करने लगते हैं। यह समय सकारात्मकता, धर्म, कर्म तथा मांगलिक कार्यों के लिए विशेष शुभ माना जाता है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 17 Dec 2024 12:56:30 PM (IST)
Updated Date: Tue, 17 Dec 2024 01:02:37 PM (IST)
HighLights
- सूर्य के राशि परिवर्तन को सूर्य की संक्रांति कहा जाता है।
- पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
- सूर्य के मकर में प्रवेश करते ही खरमास का समापन होगा।
नईदुनिया, उज्जैन। सूर्य के उत्तरायण का पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 7 बजकर 59 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, जब सूर्य का प्रवेश दिन में हो या सुबह सूर्योदय के तीन मुहूर्त के आसपास हो, तो मकर संक्रांति का अनुक्रम बनता है।
धर्मशास्त्र की इसी मान्यता के अनुसार, 14 तारीख को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मोक्षदायिनी शिप्रा में पर्व स्नान होगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया, सूर्य के राशि परिवर्तन को सूर्य की संक्रांति कहा जाता है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।
सूर्य की मकर संक्रांति शुभ
- सूर्य सिद्धांत की मान्यता के अनुसार, 14 जनवरी मंगलवार को पुनर्वसु नक्षत्र, विषकुंभ योग एवं बालव करण तथा कर्क राशि के चंद्रमा की साक्षी में सूर्य देवता का धनु राशि को छोड़कर के मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
- मकर राशि में प्रवेश होते ही सूर्य की मकर संक्रांति कहलाएगी। यह समय सुबह 7.59 पर होगा। सूर्य के मकर में प्रवेश करते ही खरमास का समापन होगा तथा उत्तरायण का पक्ष आरंभ हो जाएगा।
- मांगलिक कार्य आरंभ होंगे। मकर संक्रांति का पर्व काल होने से यह स्नान, दान, तर्पण, पितरों के निमित्त श्रद्धा व्यक्त करने का दिवस है। इस दिन अन्नदान, वस्त्रदान करने का विशेष महत्व है।
- तांबा, चांदी अथवा सोने के कलश में काले तिल भरकर के दान करने का महत्व भी बताया गया है। इस दिन जल में काले तिल डालकर स्नान करने से गरीबी दूर होती है तथा रोग, दोष समाप्त होते हैं।
व्यापार में उतार चढ़ाव, भारत लाए जा सकते हैं वन्यप्राणी
शास्त्रीय गणना व सूर्य सिद्धांत में संक्रांति के शुभ अशुभ फल में वाहन का विशेष महत्व होता है। इस बार संक्रांति का वाहन व्याघ्र तथा उप वाहन अश्व रहेगा। व्याघ्र पर सवार होकर आ रही संक्रांति वन्य प्राणियों के लिए विशेष प्रभावी रहेगी। इससे बाघ व कूनों में चीतों की संख्या में वृद्धि होगी। अन्य देशों से नए वन्यप्राणी भारत लाए जा सकते हैं। प्राणियों के जीवन पर कुछ संकट की स्थिति भी बन सकती है।
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Vivah Muhurat 2025: कल से शुरू हो रहा खरमास, एक महीने तक नहीं होंगे विवाह…. नए साल में जून तक 40 दिन शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में मलमास या खरमास को बहुत मान्यता है। इस अवधि में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान ईश्वर की भक्ति की जाती है। सूर्य की स्थिति में बदलाव के कारण यह स्थिति बनती है। अभी 15 दिसंबर से मलमास की शुरुआत होगी, जो 14 जनवरी तक रहेगा।
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Dattatreya Jayanti 2024: मार्गशीर्ष मास की चतुर्दशी आज… अमृत सिद्धि योग में मनाया जा रहा भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्योत्सव
देशभर में आज भगवान् दत्तात्रेय की पूजा की जा रही है। मान्यता है कि इस दिन भगवान का नाम जाप करने से कई तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि आज अमृत सिद्धि योग और बुधादित्य योग बन रहे हैं।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 14 Dec 2024 08:25:53 AM (IST)
Updated Date: Sat, 14 Dec 2024 10:23:18 AM (IST)
HighLights
- मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी आज
- मनाया जा रहा भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्योत्सव
- बुधादित्य योग में पूजा का मिलता है विशिष्ट फल
नईदुनिया, उज्जैन। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर 14 दिसंबर को अमृत सिद्धि योग में भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है। देशभर के प्रमुख मंदिरों में सुबह भगवान दत्तात्रेय का अभिषेक, पूजन व श्रृंगार के उपरांत शाम को गोधूलि बेला में महाआरती होगी।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के दत्त मंदिरों में दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा की स्तुति गुंजायमान होगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया, पंचांग की गणना के अनुसार शनिवार के दिन रोहिणी नक्षत्र की साक्षी में आ रही दत्त जयंती विशिष्ट मानी जा रही है।
इस दिन अमृत सिद्धि योग
- भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अमृत सिद्धि योग को अति महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। व्यावहारिक जीवन में यदि कोई समस्या आ रही है तो उस समस्या का निराकरण करने के लिए अमृत सिद्धि योग का संयोग विशिष्ट साधना उपासना की दृष्टि से श्रेष्ठ माना जाता है।
- इस दौरान रोग दोष की निवृत्ति के लिए भगवान् दत्तात्रेय के विशिष्ट पाठ और मंत्रों का उच्चारण करने से या जाप करने से व्याधियों का निराकरण होता है। बंधन, बाधा समाप्त होती है। विशिष्ट योग के अंतर्गत गुरु मार्ग के माध्यम से दत्त भगवान की साधना करनी चाहिए।
बुधादित्य योग का भी संयोग
पंचांग की गणना के अनुसार, दत्त जयंती पर अमृत सिद्धि योग तो है ही, मूल रूप से सूर्य बुध का वृश्चिक राशि में होकर के बुध आदित्य योग का निर्माण करना भी अपने आप में विशेष है।
महाकाल के समीप प्राचीन दत्त मंदिर
दत्तात्रेय जयंती पर महाकाल मंदिर के हाथी द्वार के समीप स्थित प्राचीन दत्त मंदिर में भगवान का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। पुजारी संजय दिवटे ने बताया इस स्थान पर ओदुंबर (गुलर) के वृक्ष के नीचे वासुदेव सरस्वतीजी टेमरे स्वामीजी महाराज ने विश्राम किया था।
आज भी इस मंदिर में ओदुंबर का वह वृक्ष तथा स्वामीजी की चरण पादुका मौजूद है। दिवटे ने बताया टेमरे स्वामीजी महाराज भगवान दत्तात्रेय के अवतार माने जाते हैं। दत्त जयंती पर सुबह भगवान का अभिषेक पूजन होगा। शाम को गोधूलि बेला में महाआरती की गई।