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Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर शिप्रा में नर्मदा जल से पर्व स्नान… उज्जैन में सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड का है विशेष महत्व

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सोमवती अमावस्या पर सोमवार को देश की प्रमुख नदियों में स्नान का क्रम जारी है। सुबह भारी संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। मध्य प्रदेश में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सोमकुंड का विशेष महत्व है। सोमवती अमावस्या पर देशभर से श्रद्धालु यहां स्नान के लिए आते हैं।

By Arvind Dubey

Publish Date: Mon, 30 Dec 2024 02:11:04 PM (IST)

Updated Date: Mon, 30 Dec 2024 02:11:04 PM (IST)

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर शिप्रा में नर्मदा जल से पर्व स्नान… उज्जैन में सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड का है विशेष महत्व
उज्जैन स्थित घाट पर स्नान करते श्रद्धालु

HighLights

  1. वृद्धि योग में सोमवती अमावस्या का संयोग
  2. सोमकुंड में स्नान के लिए लगाए फव्वारे
  3. दान-पुण्य का मिलता है कई गुना लाभ

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : सोमवती अमावस्या पर सोमवार को शिप्रा में नर्मदा के जल से पर्व स्नान हो रहा है। इसके लिए विशेष रूप से नर्मदा जल छोड़ा गया था। रविवार देर शाम तक ही शिप्रा में नर्मदा का दो मिलियन क्यूबिक मीटर पानी आ चुका था। इसी जल में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं ने सोमवार को स्नान किया।

सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान के लिए फव्वारे लगाए गए। प्रशासन ने यहां भक्तों की सुविधा के विशेष इंतजाम किए हैं। धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या में शिप्रा व सोमकुंड में स्नान का विशेष महत्व है।

इसी मान्यता के चलते सोमवार को पर्व स्नान के लिए देशभर से हजारों भक्त उज्जैन पहुंचे। सोमवती अमावस्या के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने करीब दो मिलियन क्यूबिक मीटर नर्मदा का जल शिप्रा में छोड़ा था।

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वृद्धि योग में सोमवती अमावस्या

  • ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया सोमवार को वृद्धि योग में सोमवती अमावस्या का संयोग बना है। खास बात यह है कि यह अमावस्या दर्श अर्थात पूर्ण अमावस्या है, इसलिए इस दिन स्नान, दान का विशेष महत्व है।
  • इस दिन पितरों के निमित्त पितृ कर्म करने से कार्यों में आ रहे अवरोध समाप्त हो जाते हैं। सोमेश्वर महादेव के दर्शन का महत्वसोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान तथा श्री सोमेश्वर महादेव के दर्शन पूजन का विशेष महत्व है।
  • मान्यता है ऐसा करने से भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है तथा जन्म पत्रिका में चंद्रमा से संबंधित दोषों का निवारण होता है। अवरोधों की निवृत्ति के लिए श्री सोमेश्वर महादेव को सफेद रंग की वस्तु अर्पण करने का विधान है।

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