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अमेरिकी सांसद का बयान, बोले ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा अंतरिम सरकार का दायित्व’

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वाशिंगटन: अमेरिका ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के बीच धार्मिक और आधारभूत मानवाधिकारों सहित मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान की बात कही है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत लगातार चिंता व्यक्त कर रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए।’’ पटेल ने कहा, ‘‘सरकारों को कानून के शासन का सम्मान करने की आवश्यकता है, उन्हें आधारभूत मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए। हम इस बात पर हमेशा जोर देते रहेंगे।’’ 

‘शांतिपूर्ण होना चाहिए विरोध’

वेदांत पटेल ने कहा कि किसी भी तरह का विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए। पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम इस बात पर बल देते हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए और उनसे अधारभूत मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के अनुरूप व्यवहार किया जाना चाहिए।’’

‘हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करे सरकार’

इस बीच, अमेरिकी सांसद ब्रैड शरमन ने एक बयान में कहा, ‘‘बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह पूर्ण दायित्व है कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और हाल में हुए हमलों तथा उत्पीड़न के कारण हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरोध प्रदर्शनों का सार्थक रूप से समाधान करे।’’ शेरमन ने कहा, “प्रशासन को हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को खत्म करने में भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।” 

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‘चिन्मय कृष्ण दास को जान का खतरा’

‘हिंदूएक्शन’ के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने निवर्तमान बाइडेन-हैरिस प्रशासन से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश से हमें जो प्रतिक्रिया मिल रही हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि अंतरिम सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए संत एवं नागरिक अधिकार कार्यकर्ता चिन्मय कृष्ण दास को हिरासत में जान का गंभीर खतरा है।’’ (भाषा)

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श्मशान में हिंदू पुजारी की हत्या पर बांग्लादेश ने दी सफाई, कहा-सांप्रदायिक हिंसा से नहीं हुई मौत

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मोहम्मद यूनुस, अंतरिम सरकार के मुखिया।

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मोहम्मद यूनुस, अंतरिम सरकार के मुखिया।

ढाका: बांग्लादेश के श्मशान घाट में हिंदू पुजारी की हत्या को लेकर अंतरिम सरकार की ओर से सफाई पेश की गई है। मोहम्मद यूनुस सरकार का कहना है कि पुजारी की मौत सांप्रदायिक हिंसा में नहीं हुई है।बांग्लादेश सरकार की मीडिया शाखा ने रविवार को कहा कि देश में हाल ही में मारा गया व्यक्ति हिंदू पुजारी नहीं था और उसकी मौत सांप्रदायिक हिंसा से नहीं बल्कि श्मशान घाट में चोरी से जुड़ी थी।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति की कथित हत्या के संबंध में इस्कॉन कोलकाता द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए, ‘चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स’ के आधिकारिक फेसबुक पेज ने इस्कॉन बांग्लादेश के अधिकारियों और नाटोर पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि यह हत्या संभवतः डकैती के प्रयास के कारण हुई। यह स्पष्टीकरण इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करने के एक दिन बाद आया। इसमें दावा किया गया था कि बांग्लादेश के नाटोर में एक श्मशान घाट पर स्थित मंदिर में “तरुण कुमार दास नामक एक हिंदू पुजारी की चरमपंथियों द्वारा हत्या कर दी गई”। ‘

कथित तौर पर पीड़ित का हाथ-पैर बांध कर शव को दफनाते देखा गया था

कथित तौर पर पीड़ित के हाथ-पैर बंधे हुए शव को एक वीडियो में दिखाया गया था। दास ने आरोप लगाया कि पुजारी को मारने से पहले उसे प्रताड़ित किया गया और मंदिर में लूटपाट की गई। नाटोर सदर पुलिस थाने के प्रभारी मोहम्मद महबूबोर रहमान के हवाले से सीए प्रेस विंग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “शनिवार और रविवार की सुबह के बीच मिली जानकारी के आधार पर प्रारंभिक तौर पर यह माना जाता है कि कुछ नशेड़ियों ने श्मशान घाट से चोरी करने का प्रयास किया था। सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है।”  (भाषा)

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गाजा में इजरायल के भीषण हवाई हमले में 16 लोगों की मौत, सर्दी भी ढा रही कहर

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गाजा में इजरायली मिसाइलों ने बरपाया कहर।

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गाजा में इजरायली मिसाइलों ने बरपाया कहर।

दीर अल-बला (गाजा पट्टी): गाजा पट्टी में इजरायल के भीषण हवाई हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं। फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हमास सरकार से संबद्ध ‘सिविल डिफेंस’ के अनुसार, गाजा शहर में विस्थापितों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं। इजरायली सेना ने कहा कि उसने वहां शरण लिए हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया। ‘

अल-अक्सा शहीद’ अस्पताल के अनुसार, शनिवार देर रात दीर अल-बला में एक घर पर हुए हमले में कम से कम 8 लोग मारे गए। अस्पताल के पास स्थित नासिर अस्पताल के अनुसार, रविवार को आधी रात के बाद दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए हमले में 2 और लोग मारे गए। इन हमलों पर सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।

गाजा में सर्दी का कहर

इजरायली मिसाइलों के अलावा सर्दी भी फिलिस्तीनियों पर कहर ढाने लगी है। गाजा में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। इजरायल से 14 महीने से जारी युद्ध के कारण विस्थापित हुए लगभग 20 लाख लोगों में से कई लोग खुद को हवा, ठंड और बारिश से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सहायता कर्मियों और निवासियों के अनुसार लोगों के पास कंबलों और गर्म कपड़ों की कमी है, अलाव के लिए लकड़ी बहुत कम है और जिन तंबुओं व तिरपालों में परिवार रह रहे हैं, वे महीनों से जारी उपयोग के कारण बहुत ही खस्ताहाल हो गए हैं। दक्षिणी शहर रफह से विस्थापित हुईं शादिया अयादा के पास अपने आठ बच्चों को खस्ताहाल तंबू के अंदर ठंड से बचाने के लिए केवल एक कंबल और एक गर्म पानी की बोतल है।

तेज हवा में लगता है डर

शादिया ने कहा, “जब भी हमें पता चलता है कि बारिश और तेज हवा का पूर्वानुमान है, तो हम डर जाते हैं क्योंकि हमारे तंबू हवा से उड़ जाते हैं।” रात के समय तापमान आम तौर पर पांच से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, इसलिए अयादा को डर है कि उनके बच्चे गर्म कपड़ों के बिना बीमार पड़ जाएंगे। अयादा ने कहा कि जब वे अपना घर छोड़कर आए थे, तो उनके बच्चों के पास केवल गर्मियों के कपड़े थे। उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्तेदारों और दोस्तों से कुछ गर्म कपड़े उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उत्तरी गाजा से अपने परिवार के साथ विस्थापित हुईं 50 वर्षीय रिदा अबू जरादा ने बताया कि लोग तंबू के अंदर बच्चों को गोद में लेकर सोते हैं। ताकि उन्हें गर्म रखा जा सके।

उन्होंने कहा, “दरवाजे न होने और तंबू फटे होने के कारण रात में चूहे हमारे ऊपर चलते हैं। कंबल हमें गर्म नहीं रख पाते। हमें ऐसा लगता है कि जमीन पर बर्फ पड़ी हो। हम सुबह ठंड से ठिठुरते हुए उठते हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे डर है कि एक दिन मैं जागूं‍गी और पाऊंगी कि कोई बच्चा ठंड से मर गया है।” संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोग शायद सर्दियों में जीवित न रह पाएं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा था कि कम से कम 9,45,000 लोगों को सर्दी से जुड़े सामान की आवश्यकता है, जो गाजा में बहुत महंगे हो गए हैं। (एपी) 

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ताइवान की मदद पर चीन ने बाइडेन को दी चेतावनी, कहा-“आग से खेल रहा अमेरिका”

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के समकक्ष शी जिनपिंग (फाइल)

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के समकक्ष शी जिनपिंग (फाइल)

बीजिंग: ताइवान को चीने के खिलाफ अमेरिका की ओर से लगातार सैन्य मदद पहुंचाए जाने की घटना को बीजिंग ले बेहद गंभीरता से लिया है। चीन ने इस बाबत अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को बड़ी चेतावनी दे डाली है। चीन ने साफ कहा है कि ताइवान को सैन्य मदद करके अमेरिका आग से खेल रहा है। चीन का यह कड़ा संदेश अपने आप में बहुत कुछ कहता है। चीन के इस बयान के बाद अमेरिका के साथ एक बार फिर तनातनी बढ़ने लगी है।

बता दें कि चीन सरकार ने अमेरिका की ओर से ताइवान को सैन्य बिक्री और सहयोग देने की नयी घोषणाएं किए जाने के बाद रविवार को विरोध जताया और अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वह ‘‘आग से खेल रहा है।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को रक्षा से जुड़े साजो सामान और सेवाओं तथा ताइवान के लिए सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए 57 करोड़ 10 लाख डॉलर तक के प्रावधान को मंजूरी दी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सैन्य बिक्री के लिए 29 करोड़ 50 लाख अमरेकी डॉलर की मंजूरी दी गई है।

ताइवान को हथियार देना बंद करे अमेरिका

चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान में अमेरिका से ताइवान को हथियार देना बंद करने और ‘‘ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता को कमजोर करने वाले खतरनाक कदम’’ को रोकने का आग्रह किया गया। ताइवान एक लोकतांत्रिक द्वीप है जिस पर चीन सरकार अपना दावा करती है। अमेरिकी सैन्य बिक्री और सहायता का उद्देश्य ताइवान को खुद की रक्षा करने और चीन को हमला करने से रोकना है। , 22 दिसंबर (एपी)

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