हैल्थ
स्किन पर रैशेज के साथ बुखार का इलाज – treatment of skin rashes with fever
बच्चों के स्किन पर रैशेज के साथ बुखार (Skin rashes with fever) बहुत नॉर्मल कारण की वजह से भी हो सकता है और और कई बार ये मामूली सी दिखने वाली समस्याएं बच्चों में बड़ी बीमारियों का कारण बन जाती हैं।
मौसम में कोई भी बदलाव हो तो उसका असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ता है। बढ़ते प्रदूषण के भी सबसे ज्यादा शिकार बच्चे ही हो रहे हैं। और इन्हीं सब कुछ वजहों से ( जिन पर हम आगे बात करेंगे) बच्चों में एक समस्या बढ़ती जा रही है वो है स्किन पर रैशेज की समस्या और उसके साथ बच्चों में बुखार (Skin rashes with fever)। कई बार ये बहुत नॉर्मल कारण की वजह से भी हो सकता है और और कई बार ये मामूली सी दिखने वाली समस्याएं बच्चों में बड़ी बीमारियों का कारण बन जाती हैं। आज हम समझेंगे कि इसके खतरे क्या हैं और हम अपने बच्चों को इन समस्याओं से कैसे बचा सकते हैं।
आम तौर पर दिखने वाले लक्षण
1. तेज बुखार (High Fever)
ऐसी स्थिति में बच्चों में हाई फीवर देखा जाता है। उन्हें बहुत ज्यादा ठंड या बहुत ज्यादा गर्मी हो सकती है। और ये सब कई बार बच्चों में चिड़चिड़ापन भी ला देता है।
2. त्वचा में बदलाव (Skin Changes)
बुखार के साथ बच्चे की त्वचा पर रैशेज़ (चकत्ते) दिखाई दे सकते हैं। ये रैशेज़ लाल, गुलाबी, या सफेद रंग के होते हैं सकते हैं।
3. खुजली और सूजन (Itching and Swelling)
रैशेज़ के साथ बच्चे को खुजली और सूजन महसूस हो सकती है। इसके अलावा रैशेज़ के आसपास की स्किन में भी सूजन और जलन के लक्षण दिखते हैं। बच्चे अमूमन खुजली होने पर और ज्यादा खुजला देते हैं जिससे इन्फेक्शन फैल जाता है। कभी-कभी रैशेज़ के कारण स्किन में जलन और दर्द भी होता है।
4. थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)
बुखार और रैशेज़ के कारण बच्चे में थकान और कमजोरी होती है। बुखार के दौरान शरीर में इन्फेक्शन की वजह से बच्चे बहुत जल्दी थक जाते हैं और कई बार वे खेलना भी नहीं पसंद करते।
कारण क्या? (Symptoms of skin rashes with fever)
1. इंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता। जिस वजह से उनको वायरस और बैक्टीरिया से खतरा ज्यादा होता है। ये रैशेज और बुखार (Skin rashes with fever) के प्रमुख कारणों में से एक है।
2. बच्चों में कभी कभी कुछ खाने की चीजों से एलर्जी होती है, इस वजह से भी ऐसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. मौसम में बदलाव के दौरान भी बच्चों में ये कॉमन है।
4. बच्चों को अक्सर छोटी उम्र में कई तरह के वैक्सीन्स की जरूरत पड़ती है। कभी कभी उन वैक्सीन्स के साइड इफ़ेक्ट्स के तौर पर भी बच्चों में रैशेज और बुखार की समस्या हो सकती है।
स्किन रैश के साथ तेज बुखार हो सकता है इन बीमारियों का संकेत (Skin rashes with fever causes)
1. मीसल्स (Measles)
यह एक वायरल इन्फेक्शन है जो बच्चों में बुखार और त्वचा पर रैशेज़ का कारण बन सकता है। मसूरा वायरस की वजह से बच्चे को बुखार (Skin rashes with fever), खांसी, जुकाम, और आखों में जलन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
इन रैशेज़ का फैलना आमतौर पर सिर से शुरू होता है लेकिन धीरे धीरे ये शरीर के बाकी हिस्सों तक भी फैल सकता है।
2. रूबेला (Rubella)
रूबेला भी एक वायरस के कारण होता है और इसके लक्षण मसूरा जैसे ही होते हैं लेकिन मसूरा के मुकाबले ये बीमारी थोड़ी हल्की होती है।
इसमें बुखार के साथ-साथ हल्के लाल रैशेज स्किन पर हो जाते हैं। इसमें रैशेज़ आम तौर पर गर्दन, चेहरे और शरीर के बाकी हिस्सों पर होते हैं।
3. चिकनपॉक्स (Chickenpox)
चिकनपॉक्स भी एक वायरल बीमारी है जो बच्चों में बहुत आम है। इस बीमारी में बच्चों को तेज बुखार (Skin rashes with fever) और शरीर में हल्की खुजली के साथ रैशेज़ और फोड़े-फुंसी होती हैं।
4. वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Viral or Bacterial Skin Infections)
कभी-कभी बच्चों में वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण भी ऐसा हो सकता है। बच्चों में ये आम है लेकिन अगर कुछ दिन में ये इन्फेक्शन ठीक ना हो तो डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
बुखार और रैशेज़ का इलाज (How to deal with skin rashes with fever)
1. हाइड्रेशन
बुखार और रैशेज़ के साथ बच्चों को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। पानी, जूस, और सूप जैसे लिक्विड समय समय पर बच्चों को देते रहें।
2. पैरासिटामॉल
बुखार को कम करने के लिए डॉक्टर बच्चों को पैरासिटामोल जैसी दवाइयाँ दे सकते हैं। हालांकि कोई भी दवाई डॉक्टर की सलाह के बगैर ना दें। बुखार की दवाइयाँ हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लेनी चाहिए।
3. गर्म पानी से नहलाएं
ऐसी स्थिति में बच्चों को हलके गर्म पानी से स्नान करने से आराम मिल सकता है लेकिन ध्यान रखें कि पानी बहुत गर्म न हो।
4.खुजली को कम करने के जतन
रैशेज़ के कारण खुजली हो रही हो तो डॉक्टर खुजली को कम करने के लिए कैलामाइन लोशन या अन्य क्रीम्स का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।
कब डॉक्टर के पास जाएं
1. अगर बुखार (Skin rashes with fever) 3 दिन से ज्यादा दिनों तक बना रहता है।
2. अगर बुखार के साथ तेज सिरदर्द, मिचली, या उल्टी हो तो ये संकेत हैं कि आपको डॉक्टर से मिल लेना चाहिए
3. रैशेज़ का रंग बदलने लगे या शरीर में रैशेज बढ़ने लगे हों तो बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
4. अगर बच्चा बहुत कमजोर महसूस कर रहा हो या सांस लेने में परेशानी हो।