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हड्डियों की समस्याओं का कारण और इलाज – treatment of bone issues in women

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भारत में 6 करोड़ से भी ज्यादा लोग हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) की समस्या से ग्रस्त हैं जिसमें से 80 प्रतिशत महिलाएं हैं। महिलाओं में बढ़ती जा रही हड्डियों की इन समस्याओं (bone issues in women) से घरेलू स्तर पर कुछ कोशिशें करके बचा जा सकता है।

बढ़ती उम्र के साथ कोई और समस्या दस्तक दे ना दे महिलाओं में हड्डियों की समस्या (bone issues in women) जरूर दस्तक दे देती है। कभी इनकी वजह जीनेटिक होती है, कई बार किसी पुरानी चोट की वजह से या कुछ केसेस में शरीर की अन्य समस्याओं की वजह से। आँकड़े कहते हैं कि महिलाओं में हड्डियों की समस्या पुरुषों से ज्यादा होती है। लेकिन इसके कारण क्या हैं? और ऐसे में इन समस्याओं से निपटने का तरीका क्या है। ये आज हम डॉक्टर की मदद से समझने वाले हैं।

महिलाओं में हड्डियों की समस्या:आँकड़े (bone issues in women)

सोसाइटी फॉर वीमन्स हेल्थ रिसर्च नाम की एक अमरीकी संस्था है। उसकी एक रिपोर्ट के अनुसार 50 बरस या उससे ज्यादा की 50 प्रतिशत महिलाएं हड्डियों की समस्या से गुजर रही हैं। उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिससे उनके टूटने का खतरा तो बना ही हुआ है लेकिन उसके साथ हड्डियों में दर्द और सूजन बने हुए हैं। इंडियन सोसायटी फॉर बोन एण्ड मिनरल्स रिसर्च की रिपोर्ट  के अनुसार भारत में 6 करोड़ से भी ज्यादा लोग हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) की समस्या से ग्रस्त हैं जिसमें से 80 प्रतिशत महिलाएं हैं।

हड्डियों की समस्या महिलाओं में ज्यादा क्यों होती हैं? (Causes of bone issues in women)

ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर वत्सल खेतान के अनुसार महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों के मुकाबले हार्मोनल चेंज ज्यादा होते हैं। ये भी उनमें हड्डियों की समस्या का कारण है। खासकर मेनोपॉज के वक्त जब एस्टरोजेन नाम के हार्मोन की कमी होने लगती है। एस्टरोजेन हड्डियों के लिए जरूरी हार्मोन है।

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मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डियों की समस्या और बढ़ सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जैसे जैसे एस्ट्रोजेन का लेवल घटता है, महिलाओं के हड्डियों की डेंसीटी भी घटने लगती है और इस वजह से हड्डियों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।हार्मोनल चेंज के कारण ही महिलाओं का शरीर कैल्शियम को ठीक से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता, इस वजह से भी हड्डियां कमजोर होती हैं।

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महिलाओं में हड्डियों की समस्या (bone issues in women) का एक कारण प्रेगनेंसी भी है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है क्योंकि इस वक्त बच्चे का ग्रोथ हो रहा होता है।

महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान हड्डियों की समस्या बढ़ सकती है। चित्र – अडोबीस्टॉक

बच्चे की हड्डियां मां के शरीर के कैल्शियम से ही डेवलप होती हैं ऐसे में महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी होगी और हड्डियां कमजोर होने का खतरा बढ़ेगा। इसके अलावा जो माएं बच्चे को अपना दूध पिला रही होती हैं उन्हें भी कैल्शियम की कमी की वजह से हड्डियों की समस्या (bone issues in women) से जूझना पड़ सकता है।

महिलाओं में होने वाली हड्डियों की आम बीमारियां (Common Bone issues in women)

1. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)

उम्र बढ़ने के साथ ये बीमारी महिलाओं में बहुत कॉमन है। हार्मोनल चेंज के वजह से ये ज्यादातर होती है। मेनोपॉज के बाद ये अक्सर उभरती है क्योंकि उस वक्त महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटता है और हड्डियां कमजोर होती चली जाती हैं। इस कमजोरी के कारण हड्डियों में दर्द तो कॉमन है ही लेकिन उसके साथ हड्डियों के टूटने का भी खतरा बना रहता है।

2. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों के दर्द से शुरू होता है। डॉक्टर वत्सल के अनुसार, आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होने वाली इस बीमारी की वजह हड्डियों में नमी की कमी हो जाना है। कई बार ये जीनेटिक कारणों से भी होती है। जोड़ों में सूजन, दर्द और मांसपेशियों में तनाव इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।

3. साइटिका (Sciatica)

साइटिका भी हड्डियों की ही एक बीमारी है जो महिलाओं में आम है। इस बीमारी में हड्डियों का दर्द पीठ से शुरू हो कर पैरों तक पहुँच जाता है।

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साइटिका में दर्द पीठ से शुरू होकर पैरों की हड्डियों तक जा सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

रीढ़ की हड्डी में समस्या की वजह से ये बीमारी जन्म लेती है। प्रेगनेंसी के दौरान या बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में ये बीमारी कॉमन है।

4. रुमेटाइड आर्थराइटिस

ये ऑटोइम्यून बीमारी है जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है। ये तब होता है जब अपने ही शरीर का इम्यून सिस्टम मांसपेशियों और हड्डियों पर हमला करने लगता है। सूजन से शुरू होने वाली ये बीमारी हड्डियों के भयानक दर्द तक जाती है और हड्डियां कमजोर होती चली जाती हैं।

5. प्लांटर फास्साइटिस (Plantar Fasciitis)

एड़ियों में होने वाली ये समस्या भी महिलाओं में कॉमन है। एड़ियों में जलन और दर्द इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं। आमतौर पर ये ऊंची हील के जूते सैंडल पहनने की वजह से होता है। कई बार बहुत देर तक खड़े रहने पर या ज्यादा चल लेने पर दर्द भयानक हो सकता है।

हड्डियों की समस्या से बचने के लिए घरेलू उपाय (How to avoid bone issues in women)

1. दाल,बीन्स, अंडे और मीट जैसी चीजों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं ताकि आपके शरीर को पर्याप्त प्रोटीन मिले और हड्डियां मजबूत बनी रह सकें।

2. हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें, और रेड मीट (यदि खाते हैं तो) भी नियमित खाने में शामिल करें ताकि शरीर में आयरन की कमी ना हो।

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हरी सब्जियों से शरीर को आयरन मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। चित्र – अडोबीस्टॉक

आयरन की यदि कमी होगी तो एनीमिया से जूझना पड़ेगा, जो हड्डियों की कमजोरी का एक अहम कारण है।

3. विटामिन डी लेना भूलना नहीं है। थोड़ी देर धूप में बैठकर आप आराम से विटामिन डी की आवश्यकता पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा अंडे की जर्दी या फिर मछली जो विटामिन डी से भरपूर चीजें हैं, इन्हें डाइट में शामिल करिए।

3. महिलाओं के शरीर को प्रतिदिन 1000 से 1200 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है ताकि हड्डियां मजबूत रह सकें। ऐसे में कैल्शियम से भरपूर खाने की चीजें लें। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम, और तिल जैसी चीजें खाने से शरीर को पर्याप्त कैल्शियम मिलेगा।

4. इसके अलावा नियमित व्यायाम करना भूलना नहीं है। वॉकिंग, जॉगिंग, साइकलिंग, और योगा करने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है। व्यायाम से हड्डियों में कैल्शियम का एब्जॉरप्शन बेहतर होता है और हड्डियां मजबूत होती हैं।

5. स्मोकिंग और शराब पीना शरीर में कैल्सियम एब्जॉरप्शन को रोकते हैं जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं, इसलिए अगर आपको ऐसी आदत है तो छोड़ दें। वरना उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की समस्या (bone issues in women) बढ़ती जाएगी।

6. शरीर का ज्यादा वजन भी हड्डियों पर दबाव डाल सकता है जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसके अलावा, बहुत कम वजन होने पर भी हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है। इसलिए ज्यादा या कम वजन, दोनों ही स्थिति ना बनने दें, वजन कंट्रोल में रखिए।

कब जाएं डॉक्टर के पास? (Treatment of Bone issues in women)

1. अगर हड्डी में बार बार दर्द और सूजन की समस्या से जूझ रही हों और एक महीने से ज्यादा समय से समस्या बरकरार रहे तो डॉक्टर से मिलना बेहतर ऑप्शन है।
2. अगर आपकी हड्डियां बार बार टूट रही हैं तो आपका डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
3. अगर आपको महीने भर या उससे ज्यादा समय से कमर या पीठ में दर्द की समस्या हो रही हो तो आपको डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
4. अगर हड्डियों का दर्द इतना बढ़ जाए कि आपको रोजमर्रा के काम करने में भी मुश्किल आ रही है तो डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराइए।
5. मेनोपॉज शुरू होने के साथ ही हड्डियों की समस्या (bone issues in women) बढ़ने के चांस बढ़ जाते हैं। इस दौरान आपको हड्डियों में कमजोरी महसूस हो तो एक बार डॉक्टर से मिलकर जांच करा लेना उचित है।


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