2019 से रुकी कैलास मानसरोवर यात्रा इस बार टनकपुर-पिथौरागढ़-धारचूला मार्ग से शुरू होगी। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) इसकी तैयारियों में जुटा है। 30 जून से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा में 5 दलों में 250 शिवभक्त शामिल होंगे। पहला दल 5 जुलाई को टनकपुर पहुँचेगा।
इस बार यात्रा 2019 की तुलना में 17 से 20 हज़ार रुपये तक महंगी होगी। पिथौरागढ़ के लिपुलेख मार्ग से प्रति व्यक्ति यात्रा खर्च 1.84 लाख रुपये होगा, जिसमें केएमवीएन का शुल्क, दिल्ली में मेडिकल व वीजा शुल्क और चीन का शुल्क शामिल है। चीन ने 2019 में लगभग 77 हज़ार रुपये लिए थे, लेकिन डॉलर के दाम बढ़ने के कारण इस बार शुल्क बढ़ गया है।
केएमवीएन के जीएम विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार यात्रा में 23 दिन लगेंगे और टनकपुर, धारचूला, गुंजी, नाभीढांग, तकलाकोट, दरचेन, डेरफुक, ज़ुनझुई पु, कुजु, चौकोड़ी, अल्मोड़ा मुख्य पड़ाव होंगे। दिल्ली के बाद गुंजी में यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण होगा। टनकपुर कैलास यात्रा का पारंपरिक मार्ग है, जिसका उल्लेख मानसखंड में भी मिलता है।