Connect with us

दुनिया

इजरायल ने संघर्ष विराम लागू होने के बाद लेबनान पर किया हवाई हमला, अब क्या होगा?

Published

on


Israel Forces- India TV Hindi

Image Source : FILE AP
Israel Forces

बेरूत: इजरायली सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने एक रॉकेट भंडारण इकाई पर हिजबुल्लाह की गतिविधि का पता लगने के बाद दक्षिणी लेबनान पर बमबारी की है। यह इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम लागू होने के एक दिन बाद पहला इजरायली हवाई हमला है। इजरायल के हवाई हमले में हताहतों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी गई है। इजरायल ने कहा कि हिजबुल्लाह की ओर से युद्धविराम समझौते का उल्लंघन हुआ, लेकिन कोई विवरण नहीं दिया। 

युद्धविराम समझौते का क्या होगा?

लेबनान की सरकारी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने कहा कि हमले दो लोग घायल हुए हैं। लगातार हुई घटनाओं ने अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए समझौते को लेकर बेचैनी पैदा कर दी है, जिसमें शुरुआती दो महीने का संघर्ष विराम शामिल है। इसके तहत हिजबुल्लाह के लड़ाकों को लिटानी नदी के उत्तर में वापस जाना है और इजरायली सेना को सीमा के अपने हिस्से में वापस लौटना है। बफर जोन में लेबनानी सैनिकों और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों द्वारा गश्त की जाएगी।

Israel Forces

Image Source : FILE AP

Israel Forces

सुनी गई फायरिंग की आवाज

लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि इजरायली गोलीबारी में सीमा के करीब मरकाबा में नागरिकों को निशाना बनाया गया, लेकिन कोई और जानकारी नहीं दी। सीमा के पास उत्तरी इजरायल में एसोसिएटेड प्रेस के एक रिपोर्टर ने इजरायली ड्रोन को ऊपर से गुजरते हुए और लेबनान की ओर से फायरिंग किए जाने की आवाज सुनी। इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि समझौते को लागू होना सुनिश्चित होने पर सेना को धीरे-धीरे वापस बुलाया जाएगा। 

इजरायल को हमला करने का अधिकार

इजरायल ने लोगों को चेतावनी दी है कि वो उन क्षेत्रों में वापस ना लौटें जहां सैनिक तैनात हैं। उसने कहा है कि अगर हिजबुल्लाह युद्ध विराम की शर्तों का उल्लंघन करता है तो उसे उस पर हमला करने का अधिकार है। लेबनान के एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि जैसे-जैसे इजरायली सेना वापस लौटेगी, लेबनानी सैनिक धीरे-धीरे दक्षिण में तैनात होंगे। अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर यह बात की क्योंकि उसे मीडिया को जानकारी देने का अधिकार नहीं था। (एपी)

यह भी पढ़ें:

बांग्लादेश: चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर शेख हसीना ने दिया बड़ा बयान, कहा ‘तुरंत रिहा करो’

अमेरिका ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान के इस शहर का दौरा करने से किया मना, जानें क्या कहा

Latest World News





Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

दुनिया

भारत और कुवैत अब रणनीतिक साझेदार, पीएम मोदी और कुवैत के अमीर के बीच वार्ता

Published

on


पीएम मोदी की कुवैत यात्रा।

Image Source : PTI
पीएम मोदी की कुवैत यात्रा।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की दो दिवसीय यात्रा समाप्त कर के वापस भारत वापस आ चुके हैं। पीएम मोदी की ये यात्रा कई मायनों में अहम मानी जा रही है। पीएम मोदी ने रविवार को कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ व्यापक वार्ता की है। इसके साथ ही भारत और कुवैत ने अपने रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी के रूप में विस्तारित कर लिया है। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच किन मुद्दों पर समझौता हुआ है।

अमीर के साथ शानदार बैठक- पीएम मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के अमीर ने वार्ता में सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि, फिनटेक, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर के जानकारी दी है कि कुवैत के अमीर के साथ उनकी वार्ता काफी अच्छी रही है। पीएम मोदी ने कहा- “कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा के साथ शानदार बैठक हुई।”

43 साल बाद किसी भारतीय पीएम की यात्रा

पीएम मोदी  43 वर्षों में पहले ऐसे भारतीय पीएम हैं जिन्होंने कुवैत की यात्रा की है। इससे पहले साल 1981 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी। अपनी कुवैत यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने कहा- “हमारे देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के अनुरूप हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है तथा मैं आशावादी हूं कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी अधिक विकसित होगी।’’

भारत और कुवैत के बीच व्यापार

खाड़ी देश कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है। बता दें कि कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत का कुवैत को निर्यात भी पहली बार दो अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। (इनपुट: भाषा)

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी को मिला कुवैत का सबसे बड़ा सम्मान- ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’, जानें क्यों है खास

‘अरेबियन गल्फ कप’ के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि बने पीएम मोदी, जानें कुवैत में कैसा रहा उनका पहला दिन

Latest World News





Source link

Continue Reading

दुनिया

श्मशान में हिंदू पुजारी की हत्या पर बांग्लादेश ने दी सफाई, कहा-सांप्रदायिक हिंसा से नहीं हुई मौत

Published

on


मोहम्मद यूनुस, अंतरिम सरकार के मुखिया।

Image Source : AP
मोहम्मद यूनुस, अंतरिम सरकार के मुखिया।

ढाका: बांग्लादेश के श्मशान घाट में हिंदू पुजारी की हत्या को लेकर अंतरिम सरकार की ओर से सफाई पेश की गई है। मोहम्मद यूनुस सरकार का कहना है कि पुजारी की मौत सांप्रदायिक हिंसा में नहीं हुई है।बांग्लादेश सरकार की मीडिया शाखा ने रविवार को कहा कि देश में हाल ही में मारा गया व्यक्ति हिंदू पुजारी नहीं था और उसकी मौत सांप्रदायिक हिंसा से नहीं बल्कि श्मशान घाट में चोरी से जुड़ी थी।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति की कथित हत्या के संबंध में इस्कॉन कोलकाता द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए, ‘चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स’ के आधिकारिक फेसबुक पेज ने इस्कॉन बांग्लादेश के अधिकारियों और नाटोर पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि यह हत्या संभवतः डकैती के प्रयास के कारण हुई। यह स्पष्टीकरण इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करने के एक दिन बाद आया। इसमें दावा किया गया था कि बांग्लादेश के नाटोर में एक श्मशान घाट पर स्थित मंदिर में “तरुण कुमार दास नामक एक हिंदू पुजारी की चरमपंथियों द्वारा हत्या कर दी गई”। ‘

कथित तौर पर पीड़ित का हाथ-पैर बांध कर शव को दफनाते देखा गया था

कथित तौर पर पीड़ित के हाथ-पैर बंधे हुए शव को एक वीडियो में दिखाया गया था। दास ने आरोप लगाया कि पुजारी को मारने से पहले उसे प्रताड़ित किया गया और मंदिर में लूटपाट की गई। नाटोर सदर पुलिस थाने के प्रभारी मोहम्मद महबूबोर रहमान के हवाले से सीए प्रेस विंग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “शनिवार और रविवार की सुबह के बीच मिली जानकारी के आधार पर प्रारंभिक तौर पर यह माना जाता है कि कुछ नशेड़ियों ने श्मशान घाट से चोरी करने का प्रयास किया था। सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है।”  (भाषा)

Latest World News





Source link

Continue Reading

दुनिया

गाजा में इजरायल के भीषण हवाई हमले में 16 लोगों की मौत, सर्दी भी ढा रही कहर

Published

on


गाजा में इजरायली मिसाइलों ने बरपाया कहर।

Image Source : AP
गाजा में इजरायली मिसाइलों ने बरपाया कहर।

दीर अल-बला (गाजा पट्टी): गाजा पट्टी में इजरायल के भीषण हवाई हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं। फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हमास सरकार से संबद्ध ‘सिविल डिफेंस’ के अनुसार, गाजा शहर में विस्थापितों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं। इजरायली सेना ने कहा कि उसने वहां शरण लिए हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया। ‘

अल-अक्सा शहीद’ अस्पताल के अनुसार, शनिवार देर रात दीर अल-बला में एक घर पर हुए हमले में कम से कम 8 लोग मारे गए। अस्पताल के पास स्थित नासिर अस्पताल के अनुसार, रविवार को आधी रात के बाद दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए हमले में 2 और लोग मारे गए। इन हमलों पर सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।

गाजा में सर्दी का कहर

इजरायली मिसाइलों के अलावा सर्दी भी फिलिस्तीनियों पर कहर ढाने लगी है। गाजा में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। इजरायल से 14 महीने से जारी युद्ध के कारण विस्थापित हुए लगभग 20 लाख लोगों में से कई लोग खुद को हवा, ठंड और बारिश से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सहायता कर्मियों और निवासियों के अनुसार लोगों के पास कंबलों और गर्म कपड़ों की कमी है, अलाव के लिए लकड़ी बहुत कम है और जिन तंबुओं व तिरपालों में परिवार रह रहे हैं, वे महीनों से जारी उपयोग के कारण बहुत ही खस्ताहाल हो गए हैं। दक्षिणी शहर रफह से विस्थापित हुईं शादिया अयादा के पास अपने आठ बच्चों को खस्ताहाल तंबू के अंदर ठंड से बचाने के लिए केवल एक कंबल और एक गर्म पानी की बोतल है।

तेज हवा में लगता है डर

शादिया ने कहा, “जब भी हमें पता चलता है कि बारिश और तेज हवा का पूर्वानुमान है, तो हम डर जाते हैं क्योंकि हमारे तंबू हवा से उड़ जाते हैं।” रात के समय तापमान आम तौर पर पांच से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, इसलिए अयादा को डर है कि उनके बच्चे गर्म कपड़ों के बिना बीमार पड़ जाएंगे। अयादा ने कहा कि जब वे अपना घर छोड़कर आए थे, तो उनके बच्चों के पास केवल गर्मियों के कपड़े थे। उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्तेदारों और दोस्तों से कुछ गर्म कपड़े उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उत्तरी गाजा से अपने परिवार के साथ विस्थापित हुईं 50 वर्षीय रिदा अबू जरादा ने बताया कि लोग तंबू के अंदर बच्चों को गोद में लेकर सोते हैं। ताकि उन्हें गर्म रखा जा सके।

उन्होंने कहा, “दरवाजे न होने और तंबू फटे होने के कारण रात में चूहे हमारे ऊपर चलते हैं। कंबल हमें गर्म नहीं रख पाते। हमें ऐसा लगता है कि जमीन पर बर्फ पड़ी हो। हम सुबह ठंड से ठिठुरते हुए उठते हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे डर है कि एक दिन मैं जागूं‍गी और पाऊंगी कि कोई बच्चा ठंड से मर गया है।” संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अस्थायी आश्रयों में रह रहे लोग शायद सर्दियों में जीवित न रह पाएं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा था कि कम से कम 9,45,000 लोगों को सर्दी से जुड़े सामान की आवश्यकता है, जो गाजा में बहुत महंगे हो गए हैं। (एपी) 

Latest World News





Source link

Continue Reading