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अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में लंच और काबुल में डिनर…पाकिस्तानी नेता ने डॉ. मनमोहन सिंह को ऐसे किया याद
लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह से जुड़ी कई यादों को ताजा किया है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और उससे पहले वित्तमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। इस पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी ने कहा कि डॉ.सिंह को इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जो भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध थे।
कसूरी ने कहा कि उनका वह बयान उन्हें सबसे ज्यादा याद आ रहा है, जिसमें डॉ. मनमोहन सिंह ने दोनों देशों के संबंधों में सुधार लाने के वास्ते कहा था, “मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं..जब अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में दोपहर का भोजन और काबुल में डिनर करना संभव होगा।’’ नवंबर 2002 से नवंबर 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे 83 वर्षीय कसूरी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के दायरे वाले पूरे क्षेत्र में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने का श्रेय सिंह को दिया। उन्होंने कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण सिंह का यह बयान है कि ‘‘वह उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में दोपहर का भोजन और काबुल में रात्रि भोजन करना संभव होगा।’’
भारत-पाकिस्तान की सरकारों में पैदा हुआ था विश्वास
कसूरी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह ऐसी प्रक्रिया का हिस्सा बनें, जिसमें दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के दौरान अभूतपूर्व प्रगति हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल के दौरान लोगों के बीच संपर्क में जबरदस्त वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों सरकारों के बीच आपसी विश्वास पैदा हुआ। कसूरी ने याद किया कि सिंह ने पाकिस्तान के पंजाब के चकवाल जिले में स्थित अपने जन्मस्थान गाह की यात्रा करने की तीव्र इच्छा व्यक्त की थी। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने सिंह को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा। कसूरी ने उम्मीद जताई कि दिवंगत प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के अन्य सदस्य किसी दिन सिंह के जन्मस्थान का दौरा कर सकेंगे। कसूरी ने उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ भारत के लोगों के प्रति भी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। (भाषा)