Connect with us

बिज़नेस

शतरंज खिलाड़ी Tania Sachdev ने दिल्ली सरकार से मान्यता नहीं मिलने पर दुख जताया

Published

on


नयी दिल्ली । ओलंपियाड स्वर्ण विजेता भारतीय शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव ने दिल्ली सरकार से ‘मान्यता नहीं मिलने’ पर दुख जताया जिसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मामले पर ‘विचार और सुझाव’ के लिए उनसे संपर्क किया। अर्जुन पुरस्कार विजेता तानिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अभी तक उनकी उपलब्धियों को मान्यता नहीं दी है। तानिया ने लिखा, ‘‘2008 से भारत के लिए खेलने के बाद शतरंज में उपलब्धियों के लिए दिल्ली सरकार से मान्यता नहीं मिलना निराशाजनक है। जो राज्य अपने चैंपियन का समर्थन करते हैं और उनका जश्न मनाते हैं वे सीधे उत्कृष्टता को प्रेरित करते हैं और प्रतिभा को प्रेरित करते हैं। दुख की बात है कि दिल्ली ने अभी तक यह कदम नहीं उठाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2022 शतरंज ओलंपियाड में मैं ऐतिहासिक टीम कांस्य और व्यक्तिगत पदक जीता। दो साल बाद 2024 में ऐतिहासिक शतरंज ओलंपियाड स्वर्ण पदक और आज तक राज्य सरकार द्वारा कोई मान्यता नहीं दी गई है।’’ उन्होंने आतिशी और उनकी सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए उनसे राज्य के शतरंज खिलाड़ियों का समर्थन करने का आग्रह किया। आतिशी ने उनके पोस्ट का जवाब देते हुए उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार खेल प्रतिभाओं का समर्थन करती रही है।
आतिशी ने कहा, ‘‘हाय तानिया, हमने हमेशा अपने सभी एथलीटों और खिलाड़ियों का समर्थन किया है, खासकर हमारे स्कूलों में। आपसे मिलना और यह समझना अच्छा लगेगा कि शतरंज खिलाड़ियों के लिए और क्या किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कार्यालय आपसे संपर्क करेगा और मैं आपके विचारों तथा सुझावों को सुनने के लिए उत्सुक हूं।’’
तानिया, डी हरिका, आर वैशाली, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल भारत की उस टीम में शामिल थीं जिन्होंने हंगरी के बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड की महिला स्पर्धा का खिताब जीता था। यह पहली बार था जब देश ने खिताब जीता था। तमिलनाडु की रहने वाली वैशाली और तेलंगाना की रहने वाली हरिका को उनकी संबंधित राज्य सरकारों ने 25-25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। दिव्या को उनके गृह राज्य महाराष्ट्र ने एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया। तानिया की अन्य उपलब्धियों में 2022 शतरंज ओलंपियाड में टीम कांस्य के साथ-साथ बोर्ड चार पर व्यक्तिगत कांस्य जीतना शामिल है। तानिया 2005 में महिला ग्रैंडमास्टर बनने वाली आठवीं भारतीय थीं।



Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *