भीमताल, नैनीताल मानसून के मौसम को देखते हुए, पर्यटकों और पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भीमताल और कोटाबाग क्षेत्रों में आज, 1 जुलाई से दो महीने के लिए पैराग्लाइडिंग सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यह निर्णय जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा लिया गया है, ताकि प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण होने वाले संभावित खतरों से बचा जा सके। मानसून में जोखिम अधिक पैराग्लाइडिंग एक साहसिक खेल है जो मौसम पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
मानसून के दौरान, उत्तराखंड में भारी बारिश, तेज हवाएं, और कम दृश्यता आम बात होती है, जो पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए अत्यधिक जोखिम भरी हो सकती है। इन परिस्थितियों में, उड़ान भरते समय दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिबंध सुरक्षा उपायों के तहत एक मानक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका पालन हर साल मानसून के चरम पर किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटकों और पैराग्लाइडिंग पायलटों, दोनों को सुरक्षित रखना है। पर्यटन पर अल्पकालिक प्रभाव भीमताल और कोटाबाग क्षेत्र पैराग्लाइडिंग के लिए काफी प्रसिद्ध हैं, और यह साहसिक खेल यहाँ के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दो महीने के प्रतिबंध से पर्यटन व्यवसाय पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कई पर्यटक विशेष रूप से पैराग्लाइडिंग के लिए यहाँ आते हैं। हालांकि, स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों ने भी इस कदम को सुरक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी बताया है, क्योंकि किसी भी दुर्घटना से क्षेत्र की छवि को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है।
अगस्त के अंत में फिर से शुरू होने की उम्मीद यह सेवाएं अगस्त के अंत तक या मौसम की स्थिति में सुधार होने के बाद, संबंधित अधिकारियों द्वारा सुरक्षा का पूर्ण आकलन करने के बाद ही फिर से शुरू होने की उम्मीद है। पर्यटकों से अपील की गई है कि वे इस अवधि में पैराग्लाइडिंग सेवाओं के लिए भीमताल या कोटाबाग की यात्रा की योजना न बनाएं, और किसी भी जानकारी के लिए स्थानीय पर्यटन विभाग से संपर्क करें। #Bhimtal #Paragliding #MonsoonSafety #NainitalTourism #AdventureSports #Uttarakhand #SafetyFirst #TourismUpdate #Kotabagh #Bhimtal #BhimtalParagliding #BhimtalAdventure