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अदाणी के सौर ऊर्जा अनुबंध में शुल्क प्रतिस्पर्धा से कम है, नया खरीदार मिलना संभव : विश्लेषक

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नयी दिल्ली । अदाणी समूह के सौर ऊर्जा अनुबंध में शुल्क प्रतिस्पर्धा से कम है और विश्लेषकों के अनुसार समझौता रद्द होने की स्थिति में कंपनी को नए खरीदार मिल सकते हैं। गौरतलब है कि कंपनी पर अमेरिका में रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने अदाणी समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन गौतम अदाणी और अन्य पर अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के आठ गीगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने में शामिल होने का आरोप लगाया है।
समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है। नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा, अगर अदाणी के प्रवर्तक दोषी पाए जाते हैं, तो हमारा मानना ​​है कि संभावित जुर्माना दिया जा सकता है, क्योंकि यह रिश्वत के मूल्य से तीन गुना तक हो सकता है। ब्रोकरेज ने कहा कि फरवरी-मार्च 2024 से गुजरात में करीब 1.8 गीगावाट की सौर परियोजनाएं शुरू हो रही हैं, जिनका शुल्क 25 साल के बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के तहत 2.42 रुपये प्रति यूनिट है।
इसमें आगे कहा गया कि इस तरह के शुल्क स्तर बहुत अधिक नहीं है, और इन प्रभावित परियोजनाओं पर संभावित पीपीए रद्द होने के बावजूद, एजीईएल को इन परियोजनाओं के लिए नीलामी के जरिये फिर से अनुबंध हासिल करने में सक्षम होना चाहिए, जिसमें शुल्क स्तरों में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं होगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि न्यूयॉर्क की अदालत में अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग दायर करने के बावजूद समूह को वित्तपोषण चैनलों तक पहुंच जारी रहेगी।



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