नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लालकुआं नगर पंचायत से एक राहत भरी खबर सामने आई है। नगर पंचायत प्रशासन ने मानसून के दस्तक देने से पहले ही शहर के नाले-नालियों की सफाई का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। इस प्रयास से बारिश के मौसम में होने वाली जलभराव की समस्या से नागरिकों को काफी हद तक निजात मिलने की उम्मीद है।
संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत इस कार्य को गंभीरता से ले रही है और दो पालियों में शहर के सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई करवा रही है। इस कार्य को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए छह अतिरिक्त पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गई है। इसके अतिरिक्त, अलग-अलग टीमें बनाकर नगर की छोटी और बड़ी नालियों की सफाई का कार्य भी तेजी से चल रहा है। नगर पंचायत प्रशासन ने अब तक बाजार के तीन बड़े नालों की सफाई पूर्ण कर ली है।
बारिश में होती है भारी परेशानी:
गौरतलब है कि हर साल बारिश के दौरान नालों की सफाई न होने के कारण शहर के नाले और नालियां उफान पर आ जाते हैं। इससे नालों का गंदा पानी दुकानों, घरों और सड़कों पर जमा हो जाता है, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है और गंदे पानी से होकर आवागमन करना पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए नगर पंचायत प्रशासन ने इस बार मानसून से पहले ही कमर कस ली है।
जेसीबी से हो रही नालों की सफाई:
शहर के सभी नालों की प्रभावी सफाई सुनिश्चित करने के लिए छह अतिरिक्त पर्यावरण मित्र दिन-रात कार्यरत हैं। इसके साथ ही, शहर के आसपास बहने वाले बड़े नालों से गाद और कचरा निकालने के लिए जेसीबी मशीनें भी लगाई गई हैं।
अधिशासी अधिकारी की अपील:
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी राहुल कुमार सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नगर के बड़े और छोटे नालों की सफाई का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि बरसात से पहले नालों की सफाई हो जाने से नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और अब तक तीन बड़े नालों की सफाई पूरी कर ली गई है।
अधिशासी अधिकारी राहुल कुमार सिंह ने नगरवासियों से अपील करते हुए कहा कि बरसात में नालों में जलभराव का मुख्य कारण उनमें फेंका गया कचरा होता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। उन्होंने सभी नागरिकों से नालों में कचरा न डालने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और नागरिकों के सहयोग से यह सफाई अभियान और भी अधिक प्रभावी होगा। नालों की सफाई से क्षेत्र में जलभराव की समस्या दूर होगी और स्वच्छता का स्तर भी सुधरेगा।